90 दिनों के सिलाई प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र वितरण:औरंगाबाद में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य, रोजगार शुरू करने के लिए बैंक देगी लोन
90 दिनों के सिलाई प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र वितरण:औरंगाबाद में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य, रोजगार शुरू करने के लिए बैंक देगी लोन
औरंगाबाद जिला के रफीगंज शहर के नोनिया डिल्हा के समीप बिहार सरकार द्वारा महिला उघमी प्रयोजना के तहत निजी संस्थान द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र चलाई जाती है। जिसमें कई गांव की महिला और युवती को 90 दिनों के सिलाई प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार देना। इसलिए गांव की वैसी महिलाओं को सिलाई की प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, छोटी मोटी दुकान गांव में चलाने के लिए प्रशिक्षण दी जाती है। 90 दिनों का सिलाई प्रशिक्षण इसको दौरान प्रशिक्षण दे रही नाजरीश प्रवीण ने बताया कि एक बैच में 22 महिलाओं को 90 दिनों का सिलाई प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान शरारा, सूट, गरारा, सहित बाकी सिलाइयों की अन्य जानकारियां दी गई है। वहीं, प्रशिक्षण ले रही गुलशन खातून ने बताया कि प्रशिक्षण उपरांत खुद का स्वालंबी बनने के लिए खुद का बिजनेस करेंगे। अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे। इसके अलावा दूसरों को भी प्रशिक्षण देंगे। रोजगार के लिए बैंकों से पूंजी मिलेगी संस्था प्रबंधक प्रमोद गुराई ने बताया कि महिला उद्यमी योजना के तहत गांव की वैसी महिला जो घरेलू कार्य के बाद घर में बैठी हुई रहती है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण उपरांत उन्हें रोजगार देना है। इसलिए गांव के वैसे महिलाओं को हम लोगों द्वारा सिलाई की प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, छोटी मोटी दुकान गांव में चलाने के लिए प्रशिक्षण दी जाती है। साथ ही पूंजी के लिए कम ब्याज दर पर उन्हें बैंकों से पूंजी भी दिलाई जाती है। इस मौके पर रफीगंज फील्ड मैनेजर बलजीत कुमार, औरंगाबाद फील्ड मैनेजर कुमार सौरभ सिंह, दिपक कुमार सहित अन्य लोग रहे।
औरंगाबाद जिला के रफीगंज शहर के नोनिया डिल्हा के समीप बिहार सरकार द्वारा महिला उघमी प्रयोजना के तहत निजी संस्थान द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र चलाई जाती है। जिसमें कई गांव की महिला और युवती को 90 दिनों के सिलाई प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार देना। इसलिए गांव की वैसी महिलाओं को सिलाई की प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, छोटी मोटी दुकान गांव में चलाने के लिए प्रशिक्षण दी जाती है। 90 दिनों का सिलाई प्रशिक्षण इसको दौरान प्रशिक्षण दे रही नाजरीश प्रवीण ने बताया कि एक बैच में 22 महिलाओं को 90 दिनों का सिलाई प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान शरारा, सूट, गरारा, सहित बाकी सिलाइयों की अन्य जानकारियां दी गई है। वहीं, प्रशिक्षण ले रही गुलशन खातून ने बताया कि प्रशिक्षण उपरांत खुद का स्वालंबी बनने के लिए खुद का बिजनेस करेंगे। अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे। इसके अलावा दूसरों को भी प्रशिक्षण देंगे। रोजगार के लिए बैंकों से पूंजी मिलेगी संस्था प्रबंधक प्रमोद गुराई ने बताया कि महिला उद्यमी योजना के तहत गांव की वैसी महिला जो घरेलू कार्य के बाद घर में बैठी हुई रहती है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण उपरांत उन्हें रोजगार देना है। इसलिए गांव के वैसे महिलाओं को हम लोगों द्वारा सिलाई की प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, छोटी मोटी दुकान गांव में चलाने के लिए प्रशिक्षण दी जाती है। साथ ही पूंजी के लिए कम ब्याज दर पर उन्हें बैंकों से पूंजी भी दिलाई जाती है। इस मौके पर रफीगंज फील्ड मैनेजर बलजीत कुमार, औरंगाबाद फील्ड मैनेजर कुमार सौरभ सिंह, दिपक कुमार सहित अन्य लोग रहे।