दीपावली पर गया के अस्पतालों में खास इंतजाम:50 अतिरिक्त बेड और 10 एंबुलेंस तैनात, बर्न यूनिट्स पर खास नजर
दीपावली पर गया के अस्पतालों में खास इंतजाम:50 अतिरिक्त बेड और 10 एंबुलेंस तैनात, बर्न यूनिट्स पर खास नजर
गया में दीपावली के मौके पर संभावित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। सिविल सर्जन प्रभात कुमार ने बताया कि जिले के प्रमुख अस्पतालों में 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। खासतौर पर बर्न यूनिट्स में ज्यादा अच्छे से व्यवस्था है। गया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(GMCH) में बर्न इंजरी के मामलों के लिए अलग से 20 बेड रिजर्व किए गए हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs और CHCs) में भी 24 घंटे 30 अतिरिक्त डॉक्टरों और 60 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही शहर में 10 एम्बुलेंस तैनात की गई है। ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। एंबुलेंस सेवाओं के लिए 5 नए वाहनों को तैयार किया गया है, जो जिले के प्रमुख इलाकों में गश्त करेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल दीपावली के दौरान 100 से अधिक पटाखों से जुड़ी दुर्घटनाएं सामने आई थीं। इस बार प्रशासन का लक्ष्य इस आंकड़े को कम करना है, जिसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। पटाखों से उत्पन्न वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए भी विशेष टीमें बनाई गई हैं। खासकर सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। प्रशासन के अनुसार, जिले के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर और जीवनरक्षक दवाओं का पर्याप्त भंडारण किया गया है। डीएम डॉ त्यागराजन का कहना है कि इस बार की तैयारी पिछले साल की तुलना में ज्यादा प्रभावी और मजबूत है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को समय रहते संभाला जा सके।
गया में दीपावली के मौके पर संभावित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। सिविल सर्जन प्रभात कुमार ने बताया कि जिले के प्रमुख अस्पतालों में 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। खासतौर पर बर्न यूनिट्स में ज्यादा अच्छे से व्यवस्था है। गया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(GMCH) में बर्न इंजरी के मामलों के लिए अलग से 20 बेड रिजर्व किए गए हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs और CHCs) में भी 24 घंटे 30 अतिरिक्त डॉक्टरों और 60 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही शहर में 10 एम्बुलेंस तैनात की गई है। ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। एंबुलेंस सेवाओं के लिए 5 नए वाहनों को तैयार किया गया है, जो जिले के प्रमुख इलाकों में गश्त करेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल दीपावली के दौरान 100 से अधिक पटाखों से जुड़ी दुर्घटनाएं सामने आई थीं। इस बार प्रशासन का लक्ष्य इस आंकड़े को कम करना है, जिसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। पटाखों से उत्पन्न वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए भी विशेष टीमें बनाई गई हैं। खासकर सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। प्रशासन के अनुसार, जिले के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर और जीवनरक्षक दवाओं का पर्याप्त भंडारण किया गया है। डीएम डॉ त्यागराजन का कहना है कि इस बार की तैयारी पिछले साल की तुलना में ज्यादा प्रभावी और मजबूत है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को समय रहते संभाला जा सके।